School Holiday : मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसे पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है, जो नई शुरुआत और शुभ कार्यों के लिए बेस्ट माना जाता है. मध्य प्रदेश में इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह मां नर्मदा के तट पर स्नान और पूजा का शुभ समय होता है. इस दिन लोग तिल-गुड़ खाकर पर्व की शुरुआत करते हैं, जो मिठास और एकता का प्रतीक है.
मकर संक्रांति पर घोषित हुआ लोकल हॉली-डे
मध्य प्रदेश सरकार ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में स्थानीय अवकाश की घोषणा की है. इस निर्णय के तहत राजधानी भोपाल, इंदौर और अन्य जिलों में सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे. यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि लोग इस दिन का आनंद अपने परिवार और दोस्तों के साथ ले सकें.
भोपाल में सरकारी दफ्तर और स्कूल रहेंगे बंद
राजधानी भोपाल में मकर संक्रांति के अवसर पर वल्लभ भवन समेत सभी सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद रहेगा. यहां करीब 60,000 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इस छुट्टी का लाभ उठाकर त्योहार मना सकेंगे. स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे, जिससे छात्रों और शिक्षकों को त्योहार मनाने का पूरा मौका मिलेगा. हालांकि आपातकालीन सेवाएं जैसे अस्पताल, पुलिस और दमकल विभाग पहले की तरह चालू रहेंगे.
इंदौर में मकर संक्रांति के लिए विशेष तैयारियां
इंदौर में मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कलेक्टर आशीष सिंह ने इस दिन छुट्टी का ऐलान किया है. इंदौर में त्योहार को और खास बनाने के लिए पतंगबाजी प्रतियोगिताएं, धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यहां लोहड़ी जलाने की परंपरा भी निभाई जाती है, जो इस पर्व को और भी जीवंत बनाती है.
धार्मिक नदियों में स्नान का महत्व
मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करना पुण्य प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है. विशेष रूप से नर्मदा नदी पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यह स्नान पापों से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का जरिया माना जाता है. नर्मदा तट पर मेले और पूजा का आयोजन भी होता है, जहां भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
तिल-गुड़ की मिठास और परंपरा
मकर संक्रांति की शुरुआत तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों को खाकर की जाती है. यह परंपरा मिठास और शांति का प्रतीक है. तिल शरीर को गर्म रखता है, जबकि गुड़ पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है. इनका सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह त्योहार के मौलिक भाव को भी दर्शाता है.
प्रदेश भर में त्योहार की धूम
मध्य प्रदेश के अन्य जिलों जैसे ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में भी मकर संक्रांति के विशेष आयोजन किए जाते हैं. लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं, तिल-गुड़ का आनंद लेते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन बाजारों में भी भारी भीड़ रहती है, जहां मिठाइयों, पतंगों और पूजन सामग्रियों की खरीदारी की जाती है.
कृषि समुदाय के लिए महत्वपूर्ण दिन
मकर संक्रांति किसान समुदाय के लिए भी बेहद खास है. यह फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन किसान अपनी मेहनत का जश्न मनाते हैं और भगवान सूर्य को धन्यवाद देते हैं. खेतों में हलचल और उत्सव का माहौल पूरे प्रदेश में देखने को मिलता है.
सामाजिक एकता का पर्व
मकर संक्रांति न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है. लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, तिल-गुड़ का आदान-प्रदान करते हैं और आपसी मतभेद भुलाकर मेल-मिलाप करते हैं. यह पर्व समाज में समरसता और सद्भावना को बढ़ावा देता है.