कल से 19 जनवरी तक स्कूल छुट्टी घोषित, बंद रहेंगे सभी स्कूल और कॉलेज Public Holiday

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Public Holiday: तमिलनाडु सरकार ने पोंगल के खास मौके पर राज्य में 14 से 19 जनवरी तक स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियों की घोषणा की है. यह छुट्टियां राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों के लिए लागू होंगी. इस दौरान सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. पोंगल का त्योहार तमिलनाडु में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, और राज्य सरकार ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को छुट्टियां देने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार के इस ऐलान से छात्रों और शिक्षकों में खुशी का माहौल है, क्योंकि यह छुट्टियां उन्हें अपनी पारंपरिक उत्सवों और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करेंगी.

14 से 19 जनवरी तक विद्यालयों में अवकाश

तमिलनाडु सरकार ने 14 से 19 जनवरी तक स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश की घोषणा की है, जिसमें पोंगल के साथ-साथ तिरुवल्लुवर दिवस और उझावर थिरुनल उत्सव भी शामिल हैं. यह 5 दिन का अवकाश तमिलनाडु के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है. पोंगल के बाद 15 जनवरी को तिरुवल्लुवर दिवस मनाया जाएगा, जबकि 16 जनवरी को उझावर थिरुनल उत्सव होगा. यह सभी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के दिन हैं, और सरकार ने इन दिनों के लिए छुट्टियां घोषित की हैं, ताकि लोग इन खास अवसरों को अपने परिवार और मित्रों के साथ खुशी से मना सकें.

पोंगल

पोंगल तमिलनाडु का सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे खासकर कृषि से जुड़ा हुआ माना जाता है. यह त्योहार फसल की कटाई के समय मनाया जाता है, जब किसानों अपनी कड़ी मेहनत का फल पाते हैं. पोंगल का मतलब है “उबालना” और इसे नए मौसम की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान लोग नई फसल का आभार व्यक्त करते हैं और अगले साल की उपज के लिए प्रार्थना करते हैं. पोंगल के दिन विशेष पूजा होती है, जिसमें गाय, बैल, और बकरियों को सम्मानित किया जाता है, क्योंकि ये जीव किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इसके अलावा, इस दिन खास पकवान बनाए जाते हैं, जैसे पोंगल, जो चावल, गुड़, और ताजे फलों से तैयार किया जाता है.

पोंगल की अवधि में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम

पोंगल के दौरान तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों का आयोजन होता है. विभिन्न जगहों पर पारंपरिक नृत्य, संगीत और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. खासकर गांवों में पोंगल के समय बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ जुटते हैं और यह एक सामाजिक मिलनसार अवसर बन जाता है. “जल्लिकट्टू” एक प्रसिद्ध खेल है जो पोंगल के दौरान होता है, जिसमें युवा पुरुष बैल को पकड़ने की कोशिश करते हैं. यह खेल तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और साल भर की मेहनत के बाद किसानों की ताकत और साहस को प्रदर्शित करता है.

पोंगल के समय पर व्यावसायिक गतिविधियों पर असर

पोंगल के दौरान तमिलनाडु में अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियां ठप हो जाती हैं. इस समय लोग अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने में व्यस्त रहते हैं और बाजारों में भी काफी हलचल होती है. कृषि आधारित राज्य होने के कारण, इस समय तमिलनाडु में व्यापारिक गतिविधियों के अलावा अधिकांश लोग अपनी खेती-बाड़ी की फसल की खुशी मनाने में ध्यान केंद्रित करते हैं. हालांकि इस समय के दौरान पर्यटन क्षेत्र में भी वृद्धि देखी जाती है, क्योंकि लोग पोंगल की छुट्टियों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में घूमने जाते हैं. यह समय व्यापारियों के लिए अच्छा अवसर होता है क्योंकि त्योहारों के दौरान उपहारों, फसलों, और खाद्य पदार्थों की खरीदारी होती है.

अवकाश का विद्यार्थियों पर असर

पोंगल के दौरान घोषित अवकाश का विद्यार्थियों पर सकारात्मक असर पड़ता है. छात्रों को अपनी पढ़ाई से थोड़ा आराम मिलता है और वे इस समय को अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. पोंगल की छुट्टियां विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का मौका देती हैं. इसके अलावा, छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा की व्यवस्था भी लागू की जा सकती है, ताकि छात्रों की पढ़ाई में कोई विघ्न न आए. कई स्कूल और कॉलेज प्रशासन इस अवधि के दौरान छात्रों को विशेष शैक्षिक कार्यक्रम और वर्कशॉप्स भी आयोजित कर सकते हैं.

तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर और पोंगल

पोंगल सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है. यह त्योहार न केवल किसानों के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक खुशी का अवसर होता है. पोंगल के दौरान पूरे राज्य में खुशी का माहौल होता है, जहां लोग एक-दूसरे से मिलकर खुशियां साझा करते हैं. त्योहार के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों से यह भी साबित होता है कि पोंगल का त्योहार तमिलनाडु की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Leave a Comment