Beer Price Hiked: बीयर पीने वालों के लिए कर्नाटक से एक बड़ी खबर आई है. राज्य सरकार ने बीयर की कीमत में 45% तक की बढ़ोतरी कर दी है. इस बढ़ोतरी के बाद बीयर की बोतलें अब 10 से 45 रुपये तक महंगी हो गई हैं. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राज्य में शराब की बिक्री में उछाल देखा गया था.
कितनी बढ़ी बीयर की कीमतें?
आबकारी विभाग के नए नियमों के अनुसार, बीयर पर आबकारी शुल्क अब बिलिंग मूल्य के 185% से बढ़कर 195% हो गया है. इसका मतलब है कि 100 रुपये में मिलने वाली बीयर अब 145 रुपये में मिलेगी. इसी तरह, 230 रुपये वाली बीयर की कीमत अब 240 रुपये हो गई है.
650 मिलीलीटर की बीयर बोतलें अब ब्रांड के आधार पर अलग-अलग दामों में उपलब्ध होंगी, जो उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकती है.
राजस्व घाटा पूरा करने के लिए लिया गया फैसला
राज्य सरकार ने इस बढ़ोतरी का कारण आबकारी विभाग के राजस्व में कमी को बताया है. साल 2024 के राज्य बजट के तहत पुरानी टैक्सेशन नीतियों को अपडेट करने का निर्णय लिया गया. हालांकि, शराब की बिक्री में उछाल के बावजूद राजस्व घाटा कम करने के लिए यह कदम जरूरी बताया गया है.
शराब विक्रेताओं पर असर
शराब विक्रेताओं ने इस बढ़ोतरी के खिलाफ चिंता जताई है. फेडरेशन ऑफ वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष करुणाकर हेगड़े ने कहा कि बढ़ी हुई कीमतों के कारण बीयर की बिक्री में लगभग 10% की गिरावट हो सकती है. उन्होंने बताया कि कीमतों में बढ़ोतरी से प्रोडक्शन धीमा हो गया है और ब्रुअरीज को अपनी प्रक्रियाओं को फिर से व्यवस्थित करना होगा.
पार्टी और पब पर पड़ा असर
बीयर की कीमत बढ़ने से पब और पार्टी कल्चर पर भी असर पड़ा है. पब मालिकों ने बताया कि बढ़ती कीमतों के कारण लोग पार्टी करने से बचने लगे हैं. एक पब मालिक ने कहा, “खर्च सालाना लगभग 10% बढ़ रहा है, जबकि मुनाफा लगातार कम हो रहा है.”
ग्राहकों के बीच नाराजगी
बीयर की कीमतों में वृद्धि से ग्राहकों में नाराजगी देखी जा रही है. नियमित उपभोक्ता इसे अपनी जेब पर भारी बोझ मान रहे हैं. पार्टी करने वाले युवाओं ने भी इसे अपने मनोरंजन के खर्च में कटौती का कारण बताया है.
बीयर उद्योग के सामने चुनौतियां
कर्नाटक की बीयर इंडस्ट्री इस समय कई समस्याओं से जूझ रही है.
- प्रोडक्शन में कमी: बीयर का उत्पादन धीमा हो गया है.
- बढ़ी हुई कीमतें: कीमतों में बढ़ोतरी से बिक्री में गिरावट का खतरा बढ़ गया है.
- लॉजिस्टिक चुनौतियां: नई कीमतों के हिसाब से सप्लाई चेन को फिर से व्यवस्थित करना होगा.
अधिकारी ने किया बढ़ोतरी का बचाव
एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने बीयर की कीमतों में बढ़ोतरी का बचाव करते हुए कहा कि यह फैसला पुरानी टैक्सेशन नीतियों को अपडेट करने के लिए लिया गया है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय निर्मित शराब (IML) पर फोकस करने के बावजूद, बीयर की कीमत में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ था.
राज्य सरकार की नीति पर सवाल
राज्य सरकार के इस कदम ने बीयर इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं के बीच असंतोष पैदा कर दिया है. जहां एक ओर सरकार इसे राजस्व बढ़ाने का तरीका मान रही है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता इसे अपनी जेब पर अतिरिक्त भार मान रहे हैं.
बीयर की कीमतों में बढ़ोतरी का असर
- बिक्री में गिरावट: कीमत बढ़ने से बीयर की खपत में कमी हो सकती है.
- उद्योग पर दबाव: प्रोडक्शन और सप्लाई चेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
- ग्राहकों का मोहभंग: उच्च कीमतें ग्राहकों को अन्य विकल्पों की ओर मोड़ सकती हैं.
क्या भविष्य में कीमतें और बढ़ सकती हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि बीयर की कीमतों में यह बढ़ोतरी शुरुआत हो सकती है. अगर राजस्व घाटा लगातार बना रहता है, तो सरकार अन्य शराब उत्पादों पर भी टैक्स बढ़ा सकती है.
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
बढ़ती कीमतों को देखते हुए, ग्राहकों को अपने खर्च को नियंत्रित करने और विकल्पों पर विचार करने की सलाह दी जा रही है. इसके अलावा, स्थानीय ब्रुअरीज को सपोर्ट करने और किफायती ऑप्शन अपनाने की प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है.