भारत की इस ट्रेन में सफर करना है बिल्कुल मुफ्त, TTE भी चेक नही करता टिकट Indian Railways

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Indian Railways: भारतीय रेलवे में एक ऐसी ट्रेन भी है जहां यात्रियों को टिकट की जरूरत नहीं पड़ती. यह अनोखी ट्रेन जिसे भाखड़ा-नंगल ट्रेन (Bhakra-Nangal Train) के नाम से जाना जाता है. पिछले 75 सालों से यात्रियों को मुफ्त सेवा दे रही है. इस ट्रेन में न तो टीटी आता है और न ही किसी यात्री से किराया लिया जाता है.

भाखड़ा-नंगल ट्रेन का ऐतिहासिक महत्व

भाखड़ा-नंगल ट्रेन का परिचालन भाखड़ा-नंगल बांध (Bhakra-Nangal Dam) के निर्माण के दौरान शुरू किया गया था. यह ट्रेन भारत की आजादी के बाद से चल रही है और इसे क्षेत्र की विरासत और परंपरा के रूप में देखा जाता है. सतलज नदी और शिवालिक पहाड़ियों के सुंदर नजारों के बीच यह ट्रेन कुल 13 किलोमीटर की दूरी तय करती है.

ट्रेन की अनोखी यात्रा और लोकप्रियता

इस ट्रेन से रोजाना करीब 800 लोग यात्रा करते हैं. यह ट्रेन स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. क्योंकि इसमें यात्रा करना न केवल मुफ्त है. बल्कि यह क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव कराती है.

ट्रेन बंद करने का फैसला और बदलाव

साल 2011 में भाखड़ा-नंगल ट्रेन को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि इसे विरासत के रूप में देखते हुए यह तय किया गया कि यह ट्रेन आय का स्रोत नहीं. बल्कि एक परंपरा और धरोहर के रूप में चलाई जाएगी. इस निर्णय ने ट्रेन के प्रति लोगों के भावनात्मक जुड़ाव को और भी मजबूत किया.

ट्रेन की मुख्य विशेषताएं

  • बिना टिकट यात्रा: इस ट्रेन में किसी भी यात्री से टिकट का शुल्क नहीं लिया जाता.
  • कोई टीटी नहीं: ट्रेन में टिकट निरीक्षक (Ticket Checker) की कोई आवश्यकता नहीं है.
  • पारंपरिक महत्व: इसे केवल एक परिवहन सेवा नहीं बल्कि क्षेत्रीय धरोहर के रूप में देखा जाता है.
  • 13 किमी की यात्रा: ट्रेन सतलज नदी और शिवालिक पहाड़ियों से गुजरती है.

ट्रेन की यात्रा का अनुभव

सतलज नदी और शिवालिक पहाड़ियों के बीच से गुजरती यह ट्रेन यात्रियों को अद्भुत प्राकृतिक नजारे दिखाती है. यह ट्रेन न केवल एक यात्रा का साधन है. बल्कि क्षेत्र की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक भी है.

पर्यटकों के लिए आकर्षण

भाखड़ा-नंगल ट्रेन अब पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई है. जो लोग हिमाचल प्रदेश और पंजाब के आसपास घूमने आते हैं. वे इस ट्रेन की यात्रा को अपनी सूची में जरूर शामिल करते हैं.

विरासत को बनाए रखने का प्रयास

भाखड़ा-नंगल ट्रेन को क्षेत्रीय इतिहास और परंपरा के प्रतीक के रूप में संरक्षित किया जा रहा है. इसके रखरखाव और संचालन पर ध्यान दिया जा रहा है. ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहे.

Leave a Comment