Crop Loss Compensation: हरियाणा में दिसंबर 2024 के आखिरी सप्ताह में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. कई जिलों में सरसों, गेहूं और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. इस नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे (hailstorm crop damage compensation) की मांग की है.
नुकसान का सबसे ज्यादा प्रभाव किन जिलों में हुआ?
हरियाणा के फतेहाबाद, हिसार और गुरुग्राम जिलों के ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर देखा गया. फतेहाबाद के ढांगर और हिसार के आदमपुर जैसे इलाकों में किसानों की फसलें लगभग पूरी तरह नष्ट हो गईं. इन क्षेत्रों में गेहूं की फसल (Crop Loss Compensation) का 70 प्रतिशत और सरसों की फसल का 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है.
राज्य सरकार का मुआवजा योजना का ढांचा
हरियाणा सरकार ने ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की एक निश्चित राशि तय की है. 100 प्रतिशत फसल नुकसान पर किसानों को प्रति एकड़ 15,000 रुपये मिलते हैं. वहीं 25 से 50 प्रतिशत नुकसान पर 9,000 रुपये और 51 से 75 प्रतिशत नुकसान पर 12,000 रुपये प्रति एकड़ (crop loss compensation Haryana) दिया जाता है.
“मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” की भूमिका
मुआवजा पाने के लिए किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. इस पोर्टल पर किसान अपनी फसल, भूमि और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज कर सकते हैं. यह प्रक्रिया मुआवजा (crop insurance registration Haryana) वितरण में पारदर्शिता लाने में मदद करती है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कैसे करें रिपोर्ट?
फसल नुकसान की सूचना देने के लिए किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत 72 घंटे के भीतर टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा किसान कृषि विभाग के अधिकारी या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को लिखित जानकारी (crop loss claim process) दे सकते हैं.
फसल बीमा मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग
किसान “फसल बीमा मोबाइल एप्लिकेशन” (Crop Insurance Mobile Application) का उपयोग करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यह एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर उपलब्ध है. इसके जरिए किसान अपनी शिकायत की स्थिति का फोलोअप भी ले सकते हैं.
किसानों की सरकार से अपेक्षाएँ
किसानों ने सरकार से अपील की है कि फसल नुकसान के आकलन (crop damage assessment Haryana) में तेजी लाई जाए. हरियाणा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण को समय पर पूरा किया जाए ताकि किसानों को राहत जल्द से जल्द मिले.
विशेषज्ञों की राय
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को मौसम-आधारित तकनीकों का उपयोग करके किसानों को प्राकृतिक आपदाओं (natural calamity relief for farmers) से बचाने की दिशा में काम करना चाहिए. इससे फसल बीमा योजना को और प्रभावी बनाया जा सकता है.
किसानों के लिए सुझाव
किसानों को समय पर अपनी फसल का बीमा (crop insurance benefits) कराना चाहिए और “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर सही जानकारी दर्ज करनी चाहिए. इसके अलावा उन्हें अपनी शिकायत का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना चाहिए ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में समस्या को हल किया जा सके.
सरकार का अगला कदम
हरियाणा सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी जिलों में गिरदावरी (crop survey Haryana) का काम तेजी से पूरा किया जाएगा. इससे किसानों को समय पर मुआवजा राशि मिल सकेगी और वे अगली फसल के लिए तैयारी कर सकेंगे.