Swamitva Yojana: भारत में ग्रामीण इलाकों में जमीन के मालिकाना हक का कानूनी प्रमाण होना एक बड़ी चुनौती रही है। कई किसान और ग्रामीण अपनी जमीन पर वर्षों से खेती या घर बनाकर रह रहे हैं। लेकिन उनके पास उस जमीन का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। यह योजना न केवल किसानों को जमीन का कानूनी स्वामित्व प्रदान करती है। बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं और वित्तीय लाभों का भी रास्ता खोलती है।
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन और संपत्ति के मालिकाना हक का कानूनी प्रमाण सुनिश्चित करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं: 1. जमीन का कानूनी स्वामित्व: ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा।
- डिजिटल रिकॉर्ड: जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। जिससे भविष्य में विवादों को रोका जा सके।
- आसान लोन सुविधा: संपत्ति के मालिक कानूनी स्वामित्व के आधार पर आसानी से बैंक लोन ले सकते हैं।
- वित्तीय सशक्तिकरण: जमीन का मालिकाना हक मिलने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
58 लाख किसानों को मिलेंगे संपत्ति कार्ड
27 दिसंबर 2024 का दिन ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक साबित होने वाला है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के 58 लाख किसानों को संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे।
- यह योजना 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 गांवों में लागू की जा रही है।
- छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे राज्यों में लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ 13 केंद्रीय मंत्री अलग-अलग राज्यों में कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे।
ड्रोन सर्वेक्षण से बन रहे डिजिटल रिकॉर्ड
स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों का सटीक सर्वेक्षण किया जा रहा है।
- अब तक 67,419 वर्ग किलोमीटर भूमि पर सर्वेक्षण किया जा चुका है।
- 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हुआ है।
- योजना के तहत 2026 तक सभी लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड वितरित कर दिए जाएंगे।
डिजिटल तकनीक के फायदे:
- सटीक सीमांकन से भूमि विवादों में कमी आएगी।
- जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड भविष्य में धोखाधड़ी से बचाएगा।
कैसे मिलेगा संपत्ति कार्ड?
इस योजना के अंतर्गत संपत्ति कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया बेहद आसान है:
- ड्रोन सर्वेक्षण: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का ड्रोन सर्वेक्षण कर रही है।
- स्वामित्व पत्र वितरण: सर्वेक्षण के बाद लाभार्थियों को स्वामित्व प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
- ऑनलाइन आवेदन: जिन व्यक्तियों को अभी तक स्वामित्व पत्र नहीं मिला है, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- स्थानीय राजस्व अधिकारी: आवेदन की पुष्टि के बाद राजस्व अधिकारी सीमांकन और सत्यापन करेंगे।
योजना के फायदे
- कानूनी मान्यता: संपत्ति कार्ड मिलने से जमीन का कानूनी स्वामित्व मिल जाएगा।
- लोन की सुविधा: संपत्ति के मालिक अब बैंक से लोन लेने में सक्षम होंगे।
- भूमि विवादों का समाधान: डिजिटल रिकॉर्ड और कानूनी मान्यता से भूमि विवाद कम होंगे।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: जमीन के मालिकाना हक के कारण ग्रामीण आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- ग्रामीण विकास: ग्रामीण इलाकों में आर्थिक विकास और जीवन स्तर में सुधार होगा।
स्वामित्व योजना से जुड़े अब तक के आंकड़े
- अब तक 1.49 लाख गांवों में 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
- योजना के तहत 2026 तक सभी लाभार्थियों को कार्ड वितरित करने का लक्ष्य है।
- पहले यह लक्ष्य 2025 तक पूरा होना था। लेकिन विस्तृत सर्वेक्षण के कारण समय बढ़ाया गया।
ग्रामीणों के लिए योजना क्यों है महत्वपूर्ण?
- आर्थिक स्वतंत्रता: संपत्ति का कानूनी प्रमाण मिलने से ग्रामीण अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
- भूमि विवादों से मुक्ति: डिजिटल रिकॉर्ड और स्वामित्व प्रमाणपत्र से विवादों की संभावना कम होगी
- सरकारी योजनाओं का बेहतर लाभ: कानूनी स्वामित्व होने से ग्रामीण आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- डिजिटल इंडिया में योगदान: यह योजना सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा देती है।