हरियाणा के इन 6 गांवों की पेयजल व्यवस्था में होगा सुधार, 70 करोड़ रुपये की लागत से होंगे ये काम Haryana News

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Haryana News: जिले के बौंदकलां खंड के छह गांवों में लंबे समय से चल रही पेयजल समस्या को हल करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने 70 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान तैयार किया है. इस योजना को मंजूरी के लिए जिला मुख्यालय भेजा गया है. अगर इस योजना को मंजूरी मिलती है, तो बौंदकलां जलघर से जुड़े इन छह गांवों के टैंक हमेशा पानी से लबालब रहेंगे.

इन गांवों को मिलेगा योजना का लाभ

मास्टर प्लान के तहत खंड बौंदकलां के सांवड़, मिसरी, लांबा, कोहलावास, सौंफ और कासनी गांवों को पर्याप्त पेयजल मुहैया करवाने की योजना है. इन गांवों में लंबे समय से पानी की कमी के कारण लोग परेशान थे. इस योजना के तहत ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में नहरी पानी उपलब्ध कराया जाएगा.

पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों को बदला जाएगा

मास्टर प्लान के अनुसार, इन गांवों में पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों को बदला जाएगा. वर्तमान में, पुरानी पाइपलाइनों के कारण टैंकों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाता है, जिससे ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है. नई पाइपलाइनों के जरिए पानी की आपूर्ति में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी.

रिजर्व टैंक का निर्माण किया जाएगा

इस योजना के तहत, पानी के स्टोरेज और आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए रिजर्व टैंक बनाए जाएंगे. इन टैंकों में पर्याप्त पानी स्टोर किया जाएगा, जिससे नहरी पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो सके. यह उपाय ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, खासकर उन दिनों में जब पानी की आपूर्ति कम हो जाती है.

ग्रामीणों को पानी की कमी से मिलेगी राहत

वर्तमान में इन गांवों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाने के कारण लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार ग्रामीणों को दूर-दराज के क्षेत्रों से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इस मास्टर प्लान के लागू होने से यह समस्या खत्म हो जाएगी और ग्रामीणों को उनके घरों में पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा.

पेयजल योजना में क्या-क्या शामिल है?

  1. नहरी पानी की आपूर्ति: ग्रामीण क्षेत्रों में नहरी पानी पहुंचाने का लक्ष्य.
  2. पुरानी पाइपलाइनों का नवीनीकरण: पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों को बदलकर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी.
  3. रिजर्व टैंकों का निर्माण: पानी के भंडारण और वितरण को बेहतर बनाने के लिए टैंक बनाए जाएंगे.
  4. समय पर आपूर्ति: पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.

ग्रामीणों ने जताई योजना से उम्मीदें

सांवड़, मिसरी, लांबा, कोहलावास, सौंफ और कासनी के ग्रामीणों ने इस योजना को लेकर खुशी और उम्मीद जताई है. उनका कहना है कि लंबे समय से वे पानी की किल्लत का सामना कर रहे थे. मास्टर प्लान के जरिए उन्हें उम्मीद है कि अब यह समस्या खत्म हो जाएगी और उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा.

पेयजल संकट से क्यों है ग्रामीण परेशान?

इन गांवों में पानी की समस्या का मुख्य कारण पुरानी और खराब पाइपलाइनें हैं, जो टैंकों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा पाती हैं. गर्मियों के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है. पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है.

70 करोड़ रुपये के बजट से क्या बदलेगा?

  1. बेहतर जल प्रबंधन: नई पाइपलाइनों और रिजर्व टैंकों के जरिए पानी का भंडारण और आपूर्ति प्रभावी होगी.
  2. जल संरक्षण: टैंकों के माध्यम से पानी का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा.
  3. गुणवत्तापूर्ण जीवन: पानी की नियमित आपूर्ति से ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा.

जल संरक्षण की दिशा में अहम कदम

यह मास्टर प्लान न केवल पेयजल आपूर्ति को बेहतर बनाएगा, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा. नई पाइपलाइनों और टैंकों के जरिए पानी की बर्बादी को रोका जा सकेगा और पानी का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा.

सरकार की पहल से बढ़ी उम्मीदें

जनस्वास्थ्य विभाग की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की यह समस्या न केवल स्वास्थ्य से जुड़ी है, बल्कि यह जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है.

आने वाले समय में योजना का लाभ

मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही काम शुरू होगा. इस योजना के पूरा होने के बाद न केवल इन छह गांवों को पर्याप्त पानी मिलेगा, बल्कि यह मॉडल अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बनेगा.

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