भारत में 2 और 5 रूपए का सिक्का बनाने में कितना आता है खर्चा, इस सिक्के पर कीमत से ज्यादा होता है खर्चा Indian Coins

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Indian Coins: भारतीय बाजार में 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्के चलन में हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन सिक्कों को बनाने में सरकार को (Indian Coins) कितना खर्च करना पड़ता है? यह जानना बेहद दिलचस्प है कि एक सिक्के को बनाने की लागत उसके मूल्य के बराबर या उससे भी अधिक हो सकती है.

सरकार को सिक्के बनाने में कितना खर्च आता है?

भारतीय सरकार अपने नागरिकों के लिए चलन में आने वाले नोट और सिक्कों के (Indian Coins) निर्माण पर हर साल भारी खर्च करती है. यह खर्च नागरिकों से मिलने वाले टैक्स से वहन किया जाता है. आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी से यह साफ हुआ है कि कुछ सिक्कों की लागत उनके वास्तविक मूल्य से अधिक होती है.

भारतीय टकसाल और सिक्कों की निर्माण प्रक्रिया

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर सिक्कों का निर्माण भारतीय सरकारी टकसालों में किया जाता है. मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित टकसालों में अलग-अलग मूल्य के सिक्के बनाए जाते हैं. हाल ही में मुंबई और हैदराबाद टकसाल ने बताया कि वर्तमान में 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्के बनाए जा रहे हैं.

सिक्कों की लागत का खुलासा

हैदराबाद टकसाल के अनुसार सिक्कों की निर्माण लागत इस प्रकार है:

  • 1 रुपये का सिक्का: ₹1.11 खर्च आता है.
  • 2 रुपये का सिक्का: ₹1.28 खर्च होता है.
  • 5 रुपये का सिक्का: ₹3.69 की लागत.
  • 10 रुपये का सिक्का: ₹5.54 की लागत.

यह स्पष्ट है कि कुछ सिक्कों की निर्माण लागत उनके मूल्य से अधिक होती है.

क्यों नहीं होती लागत की पूरी जानकारी सार्वजनिक?

मुंबई टकसाल ने आरटीआई एक्ट 2005 के सेक्शन 8(1)(d) का हवाला देते हुए. सिक्कों की लागत को साझा करने से इनकार कर दिया. इसे ट्रेड सीक्रेट माना गया है. हालांकि हैदराबाद टकसाल ने इस जानकारी का खुलासा कर यह दिखाया कि सिक्कों की लागत सरकार के लिए एक गंभीर विषय है.

लागत अधिक होने का असर

कुछ सिक्कों की निर्माण लागत उनके वास्तविक मूल्य से अधिक होने के कारण यह सरकार के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है. यह स्थिति बताती है कि सिक्कों के निर्माण में शामिल धातुओं और संसाधनों की बढ़ती कीमतों का असर सरकार की लागत पर पड़ता है.

क्या सरकार को नुकसान उठाना पड़ता है?

जब एक 1 रुपये का सिक्का बनाने में ₹1.11 और 10 रुपये का सिक्का बनाने में ₹5.54 खर्च होता है, तो यह सरकार के लिए एक वित्तीय चुनौती बन सकता है. हालांकि, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि सिक्कों की उपलब्धता बनी रहे और आम जनता को कोई असुविधा न हो.

सिक्कों की लागत कम करने के उपाय

सरकार सिक्कों की लागत कम करने के लिए कई कदम उठा रही है. इनमें कम लागत वाली धातुओं का उपयोग और उत्पादन प्रक्रिया में नई तकनीकों को शामिल करना शामिल है.

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