इस दूध कंपनी ने बढ़ाया दूध का रेट, प्रति लीटर इतने रूपए महंगा किया दूध Milk Price Increased

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Milk Price Increased: पराग डेयरी ने शनिवार से दूध के दाम में एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है. अब 65 रुपये की बजाय 66 रुपये प्रति लीटर दूध का पैक मिलेगा. इस बढ़ोतरी के बाद उपभोक्ताओं को 69 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध खरीदना होगा. डेयरी प्रशासन ने दूध की कमी को इस मूल्य वृद्धि की मुख्य वजह बताया है.

पराग डेयरी के स्टॉल और उनकी कीमतें

जनपद में पराग डेयरी के पांच स्टॉल हैं, जिनमें चार अमरोहा और एक गजरौला में स्थित हैं. इन स्टॉलों पर पहले 65 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध मिलता था, जिसे 68 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा था. अब इसे एक रुपये बढ़ाकर 69 रुपये कर दिया गया है. इस निर्णय से उपभोक्ता काफी परेशान हैं, क्योंकि अचानक बढ़े दाम उनकी जेब पर सीधा असर डाल रहे हैं.

बिचौलियों के जाल में फंसे पशुपालक

दूध की बढ़ी कीमतों के पीछे बिचौलियों की भूमिका भी सामने आई है. गांवों में ये बिचौलिए पशुपालकों से सस्ते में दूध खरीदते हैं और शहरों में महंगे दामों पर बेचते हैं. उदाहरण के तौर पर, गांव में भैंस का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और गाय का दूध 25-30 रुपये प्रति लीटर के दाम पर खरीदा जाता है. वहीं, शहरों में यही दूध भैंस का 60 रुपये और गाय का 55 रुपये प्रति लीटर तक बेचा जाता है. इस स्थिति में पशुपालकों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता.

लंपी बीमारी बनी दूध की कमी का कारण

पिछले दो वर्षों में गोवंशीय पशुओं में लंपी बीमारी फैलने से दूध उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है. इस बीमारी के कारण हजारों दुधारू पशुओं का दूध पूरी तरह सूख गया था. हालांकि, बीमारी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन पशु अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाए हैं. इसका असर दूध की मात्रा पर साफ दिखाई दे रहा है, जो इसकी कमी का एक बड़ा कारण बन गया है.

गर्मी के मौसम में बढ़ेगी समस्या

गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है और इस दौरान दूध की मांग बढ़ने के बावजूद उत्पादन में कमी देखी जाती है. यह स्थिति दूध की कीमतों में और बढ़ोतरी का संकेत दे रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में कीमतें और बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है.

डेयरी के निर्णय से उपभोक्ताओं में रोष

पराग डेयरी के इस निर्णय ने उपभोक्ताओं को नाराज कर दिया है. आम लोगों का कहना है कि पहले ही महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं पर यह बढ़ोतरी अनुचित है. कई उपभोक्ताओं ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार को दूध की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

दूध की बढ़ती कीमतों का असर

दूध की बढ़ती कीमतों का असर न केवल घरेलू बजट पर पड़ रहा है, बल्कि इससे डेयरी उत्पादों जैसे दही, पनीर, मक्खन और मिठाइयों की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है. इसके चलते छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पशुपालन को मजबूत बनाने की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि दूध उत्पादन में स्थिरता लाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पशुपालन को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने की जरूरत है. सरकार और डेयरी उद्योग को पशुपालकों को उचित दाम दिलाने और बिचौलियों के जाल को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी.

स्थानीय बाजारों में सुधार की आवश्यकता

स्थानीय स्तर पर दूध के वितरण और बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए आधुनिक तकनीकों और योजनाओं को अपनाना जरूरी है. दूध की गुणवत्ता और उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सहकारी समितियों और सरकारी योजनाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता है.

सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम

मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार और संबंधित विभागों को जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालना होगा. दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों को सहायता प्रदान करनी होगी और बिचौलियों की भूमिका को खत्म करना होगा.

Leave a Comment