School Holiday: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की है. प्रदेश में मानसून के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बोर्ड ने ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन और विशेष क्षेत्रों के सभी स्कूलों के लिए अलग-अलग अवकाश की तारीखें तय कर दी हैं. इन छुट्टियों का सख्ती से पालन अनिवार्य होगा, वरना स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बढ़ती बारिश को देखते हुए लिया गया फैसला
हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त के महीने में भारी बारिश, भूस्खलन और जलभराव की घटनाएं आम होती हैं. पहाड़ी इलाकों में आवाजाही मुश्किल हो जाती है और ऐसे में स्कूल जाना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं होता. यही वजह है कि बोर्ड ने इस बार समय रहते छुट्टियों की घोषणा कर दी है.
छुट्टियों में स्कूल खोलना पड़ेगा भारी
HPBOSE ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी स्कूल मानसून अवकाश के दौरान यदि खुला पाया गया तो पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी. अगर स्कूल खुले होने की वजह से कोई दुर्घटना या आपदा घटती है, तो कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. बोर्ड का यह निर्देश छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से जारी किया गया है.
स्कूलों को किया गया अलर्ट
बोर्ड ने सभी स्कूलों को सख्त चेतावनी दी है कि वे किसी भी हालत में इन आदेशों की अनदेखी न करें. किसी भी स्थिति में स्कूल खोलने की इजाजत नहीं होगी और यदि ऐसा किया गया तो प्रशासनिक कार्रवाई निश्चित है.
कब से कब तक बंद रहेंगे स्कूल?
बोर्ड ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए छुट्टियों की अलग-अलग तिथियां घोषित की हैं. इन तारीखों का निर्धारण मौसमी हालात और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया है:
ग्रीष्मकालीन स्कूलों की छुट्टियां
12 जुलाई से 12 अगस्त 2025
कुल्लू जिले के स्कूलों की छुट्टियां
20 जुलाई से 12 अगस्त 2025
शीतकालीन स्कूलों की छुट्टियां
7 अगस्त से 12 अगस्त 2025
- विशेष गर्मी प्रभावित क्षेत्र (नालागढ़, फतेहपुर, सूरियां, इंदौरा, पांवटा साहिब, अंब-ऊना):
3 अगस्त से 12 अगस्त 2025 - बोर्ड के अनुसार, इन तय तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, जब तक मौसम संबंधी विशेष चेतावनी जारी न हो.
छात्रों और अभिभावकों को समय पर सूचना जरूरी
HPBOSE ने यह भी निर्देश दिया है कि स्कूल प्रबंधन को इन अवकाश की जानकारी समय पर छात्रों और अभिभावकों तक पहुंचानी होगी. इससे कोई भ्रम या परेशानी नहीं होगी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
मौसम विभाग के अलर्ट पर रखनी होगी नजर
स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग के पूर्वानुमानों और चेतावनियों पर नियमित रूप से नजर रखें. यदि किसी क्षेत्र में तेज बारिश या आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो स्कूल को तत्काल बंद करने या छुट्टियों की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है.
अवकाश नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
बोर्ड के मुताबिक, यदि कोई स्कूल इन आदेशों की अवहेलना करता है और छुट्टियों के दौरान संचालन करता है, तो उन पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. छात्रों की जान को खतरे में डालना गंभीर अपराध माना जाएगा.
हिमाचल के स्कूलों में मानसून में बढ़ती चुनौती
हर साल की तरह इस बार भी मानसून हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में चुनौतियां लेकर आया है. भूस्खलन, टूटे रास्ते, भारी वर्षा के चलते छात्रों का स्कूल आना-जाना प्रभावित होता है. ऐसे में इस तरह की पूर्व योजना और छुट्टियों की घोषणा सभी के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है.
अभिभावकों की भूमिका भी अहम
बोर्ड ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे स्कूल के दिशा-निर्देशों का पालन करें और बच्चों को अवकाश के दौरान स्कूल भेजने से बचें. अगर कोई स्कूल खुला हो तो तत्काल शिक्षा विभाग को इसकी सूचना दें.