औंधे मुंह गिरी फूड ऑयल की नई कीमतें, जाने आज की लेटेस्ट कीमतें Edible Oil Prices

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Edible Oil Prices: मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के कारण बुधवार को भारतीय तेल-तिलहन बाजार में अधिकांश देशी तेलों और तिलहनों के दाम में गिरावट आई. सरसों तेल, मूंगफली तेल, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल जैसे प्रमुख उत्पादों की कीमतों में नुकसान दर्ज हुआ. हालांकि मूंगफली तिलहन और सोयाबीन तिलहन के दाम स्थिर रहे. इस गिरावट के प्रमुख कारण मलेशिया एक्सचेंज में आई कमी और शिकागो एक्सचेंज में सुधार का रुख था.

सरसों तेल-तिलहन में गिरावट के कारण

मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के साथ-साथ सरसों की नई फसल के मंडियों में आने की संभावना ने सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट की दिशा तय की. सूत्रों का कहना है कि सरसों में इस बार कोई प्रतिकूल स्थिति नहीं रही. हाफेड और नाफेड जैसी सहकारी संस्थाओं ने नियंत्रित तरीके से सरसों के स्टॉक को बाजार में जारी किया, जिससे सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सामना किया. बाजार में इस समय ज्यादा आपूर्ति नहीं थी, लेकिन नई फसल आने के बाद कीमतों में और गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है.

मूंगफली और बिनौला खल के दाम में तेजी

मूंगफली और बिनौला खल (Mung bean and canola meal price hike) के दाम में हाल के दिनों में सुधार देखा गया है. इन खलों की कीमतों में 15-20 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार हुआ जिसका सीधा असर मूंगफली तेल और बिनौला तेल की कीमतों पर पड़ा. बाजार सूत्रों के अनुसार इन खलों के दाम में आई वृद्धि ने खाद्य तेलों के दाम में गिरावट को संतुलित किया. इसके कारण मूंगफली तेल और बिनौला तेल में आई गिरावट मुख्य रूप से इन खलों की कीमतों में सुधार की वजह से थी.

सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट

सोयाबीन डीगम तेल (Soybean Degum Oil) के आयात की लागत इस समय लगभग 102 रुपये किलो है. हालांकि, आयातक बंदरगाहों पर इस तेल को लगभग 97 रुपये किलो के भाव पर बेच रहे हैं, जो काफी कम कीमत है. इस कम दाम पर बिकवाली होने के कारण सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट (Soybean oil price decline) देखने को मिल रही है. यह गिरावट बाजार में पैसे की कमी और ऊंचे भाव पर लिवालों की कमी के कारण आई है. बाजार में मांग की कमी के चलते आयातक और व्यापारी इस तेल को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

सीपीओ और पामोलीन तेल में गिरावट

मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के अलावा सीपीओ और पामोलीन तेल (Crude Palm Oil and Palmolein oil price drop) के दाम में भी कमी आई है. इस गिरावट का कारण लिवालों की कमी है. इन तेलों के दाम उच्च रहे हैं, लेकिन इन तेलों को खरीदने के लिए बाजार में पर्याप्त खरीदार नहीं हैं. सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम अधिक होने के बावजूद, व्यापारी और आयातक इसे बेचने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. बाजार में सुस्त मांग के कारण इन तेलों की कीमतों में गिरावट आ रही है.

कपास का उत्पादन घटा

सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष कपास (Cotton production decline) का उत्पादन कम हुआ है, जिससे तेल-तिलहन के बाजार पर एक और दबाव पड़ा है. कपास के उत्पादन में कमी का असर भी अन्य तिलहन तेलों की कीमतों पर पड़ सकता है, क्योंकि कपास के उत्पादन में कमी का सीधा असर तिलहन तेलों की आपूर्ति और कीमतों पर पड़ता है.

सरसों तिलहन – 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली – 5,850-6,175 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,850 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,105-2,405 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,300-2,400 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,300-2,425 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल.
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
सोयाबीन दाना – 4,400-4,450 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन लूज- 4,100-4,200 रुपये प्रति क्विंटल.

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