Public Holiday: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गुरु गोविंद सिंह जयंती के पावन अवसर पर 6 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा जारी अवकाश लिस्ट के अनुसार यह अवकाश सोमवार को पड़ रहा है.
प्रभात फेरी और नगर कीर्तन की शुरुआत
गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के मुख्य ग्रंथी बलविंदर सिंह ने बताया कि आज से प्रभात फेरी (prabhat pheri for Guru Gobind Singh Jayanti) का आयोजन शुरू हो गया है. 12 जनवरी को नगर कीर्तन जुलूस निकाला जाएगा जो शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगा. इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य सिख धर्म के संदेशों को समाज तक पहुंचाना है.
14 जनवरी को लंगर का आयोजन
गुरुद्वारा प्रबंधन ने बताया कि 14 जनवरी को गुरुद्वारे में लंगर (langar on Guru Gobind Singh Jayanti) का आयोजन किया जाएगा. यह लंगर सामुदायिक सेवा और भाईचारे का प्रतीक है. इसमें सभी धर्मों और वर्गों के लोग शामिल हो सकते हैं.
सिख धर्म के दसवें गुरु की विरासत
गुरु गोविंद सिंह सिख धर्म के दसवें गुरु (tenth Guru of Sikh religion) थे, जिनका जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था. उन्होंने सिख धर्म को मजबूत करने और मुगलों के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने ‘पांच ककार’ – केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण, और कंघा – को सिख धर्म का अनिवार्य हिस्सा बनाया.
उन्नाव में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सत्य प्रकाश ने बताया कि सार्वजनिक अवकाश (public holiday in Unnao for Guru Gobind Singh Jayanti) के बावजूद जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी. हालांकि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य कार्यालय बंद रहेंगे.
धार्मिक आयोजन और समाज में प्रभाव
गुरु गोविंद सिंह जयंती पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम (religious events on Guru Gobind Singh Jayanti) जैसे नगर कीर्तन और लंगर, समाज में सामुदायिक सेवा और भाईचारे के संदेश को बढ़ावा देते हैं. यह दिन सिख समुदाय के लिए आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है.
गुरु गोविंद सिंह का जीवन और संदेश
गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म की रक्षा और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज (teachings of Guru Gobind Singh) उठाई. उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जो साहस, बलिदान और धर्म की रक्षा के मूल्यों पर आधारित है. उनका जीवन सिख समुदाय और समाज के लिए प्रेरणादायक है.
नगर कीर्तन का मार्ग और कार्यक्रम
नगर कीर्तन जुलूस (Nagar Kirtan procession route) गुरुद्वारा से शुरू होकर शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरता है. यह आयोजन सिख परंपराओं और समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है. जुलूस में शामिल श्रद्धालु गुरबाणी का पाठ और कीर्तन करते हुए आगे बढ़ते हैं.
समाज में एकता और सामूहिकता का संदेश
गुरु गोविंद सिंह जयंती पर आयोजित कार्यक्रम (message of unity and collectiveness) समाज में एकता और सामूहिकता का संदेश देते हैं. लंगर और नगर कीर्तन जैसे आयोजन सभी धर्मों और वर्गों को जोड़ने का प्रयास करते हैं.