48 साल के बाद इस शहर की बढ़ेगी सीमा, साढ़े 21 हजार ग्रामीण लोग बनेंगे शहरी Rajasthan News

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Rajasthan News: श्रीगंगानगर के स्थानीय निकाय चुनाव से पहले राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने नगर परिषद की सीमा विस्तार की प्रक्रिया को तेज़ कर दिया है. डीएलबी (स्वायत्त शासन विभाग) द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार श्रीगंगानगर शहर से सटी छह ग्राम पंचायतों के कुछ हिस्सों को नगर परिषद सीमा में शामिल करने की प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है. इस कदम से शहर के विकास और विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.

कितने लोगों को मिलेगा शहरी जीवन का लाभ?

यह विस्तार प्रस्तावित ग्रामीण क्षेत्र में बसे लगभग 21,560 लोगों को शहरी जीवन का हिस्सा बनाने का एक बड़ा मौका देगा. अब इन लोगों के पास शहर के सभी शहरी सुविधाओं का लाभ मिलेगा. डीएलबी से प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के बाद नगर परिषद प्रशासन, इन नए शामिल क्षेत्रों को शहर के वार्डों में शामिल करने के लिए परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा करेगा. इससे लोगों को शहरी जीवन की बेहतर सुविधाएं और सेवाएं मिल सकेंगी.

नगर परिषद की सीमा में इन क्षेत्रों को किया जाएगा शामिल

नगर परिषद की सीमा का विस्तार हनुमानगढ़ रोड पर नाथांवाला चक से शुरू होकर नाथ चौक तक जाएगा. इसके अलावा, सूरतगढ़-हनुमानगढ़ बाइपास पर एसएन सिहाग सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल से होते हुए किसान चौक तक का क्षेत्र भी शहरी क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. इस विस्तार में सिद्धि कॉलोनी प्रथम भी शामिल होगी. इस तरह से एक बड़ी आबादी को शहरी सुविधाएं मिल सकेंगी.

इसके अतिरिक्त पदमपुर बाइपास से होते हुए वीके सिटी कॉलोनी और पदमपुर रोड के चक 5 ए गुरुद्वारे के पास का क्षेत्र भी नगर परिषद की सीमा में आ जाएगा. इस क्षेत्र को वार्ड के दायरे में लाने से स्थानीय लोगों को कई नए विकास कार्यों का लाभ मिलेगा.

गांवों को शहर में मिलाने का बड़ा निर्णय

नगर परिषद की परिसीमन कमेटी ने ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी बनाने का एक बड़ा निर्णय लिया है. तीन पुली, गोविन्दनगर, लायपुर फार्म जैसे क्षेत्रों को भी नगर परिषद सीमा में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, बसंत विहार, चक 4 जैड और एआरजी रिसोर्ट के पास स्थित रिद्धि सिद्धि कॉलोनी भी नगर परिषद में शामिल की जाएगी. इन सभी क्षेत्रों का शहरीकरण, श्रीगंगानगर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा.

वार्डों की संख्या में होगी कमी

नगर परिषद की परिसीमन कमेटी के सदस्य कनिष्ठ अभियंता सिद्धार्थ जांदू के अनुसार, शहर के मौजूदा 65 वार्डों की संख्या को घटाकर 50 किया जाएगा. इस कदम से परिसीमन में अधिक स्पष्टता आएगी और प्रशासन को शहर की सीमा का बेहतर तरीके से संचालन करने का अवसर मिलेगा. पांच साल पहले किए गए परिसीमन के बाद अब फिर से वार्डों की संख्या को घटाने की योजना बनाई गई है.

नई वार्ड सीमाओं में बदलाव

नगर परिषद की सीमा के विस्तार के बाद नए वार्डों का गठन किया जाएगा. हनुमानगढ़ रोड पर नाथ चौक, सूरतगढ़ रोड पर किसान चौक, पदमपुर रोड पर पदमपुर बाइपास, हिन्दुमलकोट रोड पर तीन पुली जैसे क्षेत्र, और एसएसबी रोड पर बीएसएफ सेक्टर मुख्यालय से नाथांवाला एरिया तक का क्षेत्र नगर परिषद के नए वार्डों में शामिल होगा. इससे शहर की सीमा में हो रहे विस्तार का सीधा लाभ नागरिकों को मिलेगा.

श्रीगंगानगर में नगर परिषद के विकास की दिशा

श्रीगंगानगर का विकास एक लंबी प्रक्रिया का परिणाम है, जो 1980 में नगर विकास न्यास के गठन से शुरू हुआ था. उस समय जवाहरनगर, अशोकनगर और सुदामानगर जैसे सरकारी कॉलोनियों की शुरुआत की गई थी. इन क्षेत्रों को नगर परिषद सीमा में शामिल करने से पहले, शहर की सीमा सुखाड़िया सर्किल से चहल चौक तक बढ़ी थी. अब, कई नई कॉलोनियों को नगर परिषद में शामिल किया जा रहा है, जिससे शहर की शहरीकरण प्रक्रिया तेज़ होगी.

किसान चौक और आसपास के क्षेत्रों में बदलाव

किसान चौक से पदमपुर बाइपास तक के क्षेत्र का शहरीकरण होने से इस क्षेत्र के नागरिकों को बहुत अधिक विकास और संरचनात्मक सुधार देखने को मिलेंगे. इससे न केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. शहर के नए वार्डों में इन क्षेत्रों का शामिल होना नागरिकों के जीवन में बदलाव लाएगा.

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