Ram Rahim Parole: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से 20 दिन की पैरोल दी गई है. जानकारी के अनुसार रोहतक जेल प्रशासन ने मंगलवार सुबह 5:26 बजे गुपचुप तरीके से राम रहीम को जेल से बाहर निकाला. इस बार राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम नहीं, बल्कि सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय पहुंचा है. साल 2017 में सजा होने के बाद यह पहली बार है जब राम रहीम सिरसा डेरा मुख्यालय गया है.
कड़ी सुरक्षा के बीच निकासी
राम रहीम को जेल से निकालने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. हनीप्रीत जो डेरा प्रमुख के काफी करीब मानी जाती हैं खुद जेल पहुंचीं और दो गाड़ियों के काफिले के साथ राम रहीम को सिरसा डेरा मुख्यालय लेकर गईं. आठ साल बाद सिरसा पहुंचने पर राम रहीम ने अपने अनुयायियों को एक वीडियो संदेश जारी किया.
वीडियो संदेश में क्या कहा राम रहीम ने?
जेल से बाहर आते ही राम रहीम ने एक वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने अपने अनुयायियों से सिरसा न आने की अपील की और कहा कि सभी लोग अपनी जगह पर रहकर दर्शन करें. राम रहीम ने अपने अनुयायियों से डेरे के नियमों और सेवादारों की कही बातों पर अमल करने का आग्रह किया.
12वीं बार जेल से बाहर आया राम रहीम
राम रहीम को 2017 में सजा होने के बाद से अब तक 12 बार पैरोल और फरलो मिल चुकी है.
- 24 अक्टूबर 2020: मां से मिलने के लिए 1 दिन की पैरोल.
- 21 मई 2021: मां से मिलने के लिए 12 घंटे की पैरोल.
- 7 फरवरी 2022: परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की फरलो.
- जून 2022: 30 दिन की पैरोल.
- 14 अक्टूबर 2022: 40 दिन की पैरोल, इस दौरान म्यूजिक वीडियो बनाए.
- 21 जनवरी 2023: शाह सतनाम सिंह की जयंती में शामिल होने के लिए 40 दिन की पैरोल.
- 20 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल.
- 21 नवंबर 2023: 21 दिन की फरलो.
- 19 जनवरी 2024: 50 दिन की फरलो.
- 13 अगस्त 2024: 21 दिन की फरलो.
- 2 अक्टूबर 2024: 20 दिन की पैरोल.
- 28 जनवरी 2025: 20 दिन की पैरोल पर सिरसा डेरा मुख्यालय पहुंचे.
किन मामलों में सजा काट रहा है राम रहीम?
गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाया गया था. इन मामलों में उसे 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई है.
पैरोल पर उठ रहे सवाल
राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलने पर सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए राम रहीम को बार-बार पैरोल देती है. 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से राम रहीम को 12 बार जेल से बाहर आने का मौका मिल चुका है.
राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी
डेरा प्रमुख ने पिछले साल इमरजेंसी पैरोल की मांग की थी जिसे चुनाव आयोग ने तीन शर्तों के साथ मंजूरी दी थी. शर्तों के अनुसार राम रहीम हरियाणा का दौरा नहीं कर सकता था और न ही किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल हो सकता था. इसके साथ ही उसे सोशल मीडिया पर किसी भी चुनावी प्रचार से दूर रहने का आदेश दिया गया था.
पहली बार सिरसा डेरा मुख्यालय पहुंचा राम रहीम
साल 2017 में जेल जाने के बाद से यह पहला मौका है जब राम रहीम सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय पहुंचा है. इससे पहले वह बागपत के बरनावा आश्रम में ही ठहरता था. इस बार राम रहीम के सिरसा आने से डेरा समर्थकों में खुशी है लेकिन सरकार पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं.
डेरा प्रमुख का विवादों से पुराना नाता
राम रहीम का नाम हमेशा से विवादों में रहा है. चाहे साध्वियों के यौन उत्पीड़न का मामला हो, पत्रकार की हत्या हो, या फिर अन्य आपराधिक मामले, राम रहीम की गतिविधियों ने हमेशा सुर्खियां बटोरी हैं. उसकी बार-बार पैरोल मिलने पर सवाल उठना लाजमी है.