जाने आपके शहर में किस टाइम निकलेगा चांद, जाने भारत के शहरों के हिसाब से टाइमिंग Sakat Chauth 2025 Chand Nikalne Ka Time

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Sakat Chauth 2025 Chand Nikalne Ka Time : सकट चौथ का व्रत भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने बच्चों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. करवा चौथ की तरह इस व्रत का समापन भी चंद्र दर्शन के साथ होता है. भगवान गणेश की पूजा और चंद्र देव को अर्घ्य देकर महिलाएं इस दिन अपने निर्जला व्रत को पूर्ण करती हैं. आइए जानते हैं इस व्रत की महत्ता, पूजा विधि और चंद्र उदय का समय.

सकट चौथ का महत्व

सकट चौथ जिसे तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य रूप से भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है. यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश से संतान की लंबी उम्र और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है.

सकट चौथ व्रत का उद्देश्य

सकट चौथ का व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा किया जाता है. यह व्रत न केवल संतान की सुरक्षा के लिए बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान गणेश सभी बाधाओं को दूर करते हैं और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.

चंद्र दर्शन का महत्व

चंद्रमा का दर्शन सकट चौथ व्रत में बहुत महत्वपूर्ण होता है. महिलाएं दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं और शाम को शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा के बाद चंद्र दर्शन कर व्रत खोलती हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ व्रत की पूर्ति होती है, और यह शुभ माना जाता है.

सकट चौथ 2025 चंद्र उदय का समय

पंचांग के अनुसार, सकट चौथ 2025 को चंद्रमा रात 9:07 बजे उदित होगा. हालांकि, शहरों के अनुसार चंद्र दर्शन का समय थोड़ा अलग हो सकता है. यहाँ प्रमुख शहरों का चंद्र उदय समय दिया गया है:

  • नई दिल्ली: 09:09 PM
  • लखनऊ: 08:55 PM
  • पटना: 08:39 PM
  • मुंबई: 09:34 PM
  • चंडीगढ़: 09:09 PM
  • भोपाल: 09:13 PM
  • पुणे: 09:31 PM

आपके शहर के अनुसार चंद्र उदय के समय को जानने के लिए पंचांग देखें.

सकट चौथ की पूजा विधि

पूजा के लिए सामग्री:

  • तांबे, चांदी, या मिट्टी का लोटा
  • गंगाजल
  • सफेद तिल
  • कच्चा दूध
  • फूल और अक्षत
  • दीपक और धूप
  • गुड़ और तिल का प्रसाद

पूजा विधि:

  1. थाल की तैयारी: पूजा के लिए एक विशेष थाल तैयार करें जिसमें दीपक, साबुत चावल, प्रसाद, और लोटा रखें. लोटे में गंगाजल, सफेद तिल, कच्चा दूध, और फूल डालें.
  2. गणेश जी की पूजा: शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करें. उनकी आरती करें और उन्हें तिल और गुड़ का भोग लगाएं.
  3. कथा सुनना: सकट चौथ की कथा सुनना इस व्रत का महत्वपूर्ण भाग है. कथा के माध्यम से भगवान गणेश और चंद्र देव की महिमा का गुणगान किया जाता है.
  4. चंद्र दर्शन और अर्घ्य: चंद्रमा के उदय होने पर, थाल में रखे लोटे से चंद्र देव को अर्घ्य दें. चांद को धूप और दीप दिखाएं.
  5. व्रत समापन: अंत में, अपने परिवार की खुशहाली और संतान की सुरक्षा की प्रार्थना करें. फिर व्रत खोलें और प्रसाद ग्रहण करें.

सकट चौथ व्रत की कथा

सकट चौथ की कथा भगवान गणेश और उनकी माता देवी पार्वती से जुड़ी हुई है. कथा सुनने से व्रत का महत्व बढ़ जाता है. यह कथा संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति का संदेश देती है. इस कथा के माध्यम से यह बताया गया है कि भगवान गणेश सभी बाधाओं को दूर करते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.

सकट चौथ के लाभ

  1. संतान की सुरक्षा: यह व्रत विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए किया जाता है.
  2. परिवार की समृद्धि: भगवान गणेश की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
  3. मानसिक शांति: व्रत और पूजा के माध्यम से मन को शांति मिलती है.
  4. आध्यात्मिक लाभ: इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है.

उपरोक्त जानकारी इंटरनेट से ली गई है इसीलिए इसपर अमल करने से पहले अपनी ओर से रीसर्च जरुर कर लेवे. हम किसी भी जानकारी की सत्यता का दावा नही करते है.

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