28,29 और 30 जनवरी को स्कूल छुट्टी घोषित, इस कारण जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश School Holiday

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School Holiday: प्रयागराज में मौनी अमावस्या 2025 के अमृत स्नान के लिए जिला प्रशासन ने विशेष तैयारी की है. इस पवित्र स्नान पर्व के दौरान यातायात और अन्य व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 28 जनवरी से 30 जनवरी तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों को बंद रखने का आदेश दिया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रवीण कुमार तिवारी ने यह जानकारी दी.

जिलाधिकारी के निर्देश पर लिया गया फैसला

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार यह आदेश लागू किया गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, प्रयागराज से जारी इस आदेश के अनुसार सभी परिषदीय, सहायता प्राप्त, हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय इन तीन दिनों तक बंद रहेंगे. यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि मौनी अमावस्या के दौरान यातायात और अन्य व्यवस्थाओं के बीच स्कूली बच्चों को कोई असुविधा न हो.

तीन दिन बंद रहेंगे सभी प्रकार के विद्यालय

प्रशासन के आदेश के तहत जिले के सभी प्रकार के विद्यालय बंद रहेंगे. इनमें परिषदीय स्कूलों के अलावा अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय भी शामिल हैं. यह निर्णय जिला प्रशासन के बेहतर प्रबंधन और स्नान पर्व में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है.

श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था

मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष यातायात प्रबंधन योजना तैयार की है. इसके तहत मुख्य मार्गों और स्नान घाटों तक पहुंचने वाले रास्तों पर यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.

स्कूलों को बंद रखने के पीछे प्रशासन का उद्देश्य

प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से यातायात प्रभावित होता है. इस स्थिति में स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को असुविधा न हो, इसलिए प्रशासन ने यह फैसला लिया है. इसके अलावा, बच्चों की सुरक्षा और उनका समय बचाने के लिए यह निर्णय आवश्यक माना गया.

आदेश का असर और फायदे

इस आदेश का प्रभाव जिले के हजारों छात्रों और उनके परिवारों पर पड़ेगा. तीन दिन तक स्कूल बंद होने से बच्चों और उनके अभिभावकों को स्नान पर्व के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, यातायात प्रबंधन और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने में भी यह कदम मददगार साबित होगा.

मौनी अमावस्या का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक पवित्र पर्व है, जिसे गंगा स्नान और दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करते हैं. इसे आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता है.

प्रयागराज कुंभ का ऐतिहासिक महत्व

प्रयागराज कुंभ मेले का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत बड़ा है. यह आयोजन हर 12 साल में होता है और इसमें विश्वभर से श्रद्धालु भाग लेते हैं. मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि इसे कुंभ के सबसे प्रमुख स्नान पर्वों में से एक माना जाता है.

प्रशासन की सतर्कता और तैयारी

प्रशासन ने इस विशेष अवसर पर सभी जरूरी इंतजाम किए हैं. यातायात को सुचारू बनाए रखने, श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रयागराज पुलिस, प्रशासन और अन्य विभागों को सक्रिय किया गया है.

विद्यालय प्रबंधकों और अभिभावकों से अपील

जिला प्रशासन ने सभी विद्यालय प्रबंधकों और अभिभावकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और बच्चों को घर पर ही सुरक्षित रखें. इस कदम से बच्चों और उनके परिवारों को किसी भी असुविधा से बचाने का प्रयास किया गया है.

तीन दिन बाद सामान्य होंगे हाल

जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि 31 जनवरी से सभी स्कूल अपने निर्धारित समय पर खुलेंगे. तब तक स्नान पर्व से जुड़े सभी कार्यक्रम संपन्न हो चुके होंगे और यातायात सामान्य हो जाएगा.

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