पंजाब के इन स्कूलों में हुई छुट्टी की घोषणा, इस कारण नही खुलेंगे स्कूल School Holiday

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School Holiday: डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से बेअदबी की घटना ने पूरे पंजाब में लोगों के दिलों को झकझोर दिया है. इस घटना के विरोध में कई संगठनों ने 28 जनवरी को पंजाब बंद का आह्वान किया है. अमृतसर जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा, नवांशहर, होशियारपुर और मोगा जैसे जिलों में इसका असर देखने को मिलेगा.

बेअदबी की घटना से जनता में गुस्सा

डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है, उनकी प्रतिमा से बेअदबी की घटना ने लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है. इस घटना ने समाज के हर वर्ग के बीच आक्रोश पैदा किया है. लोग इसे समाज की एकता और सम्मान पर हमला मान रहे हैं.

जालंधर में निजी स्कूलों ने घोषित की छुट्टी

पंजाब बंद के आह्वान के चलते जालंधर शहर के कई निजी स्कूलों ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टी की घोषणा की है. इनोसेंट हार्ट्स स्कूल, गुरू अमरदास स्कूल समेत अन्य निजी स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है. माता-पिता ने इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा सबसे जरूरी है.

व्यापार और परिवहन पर पड़ेगा असर

पंजाब बंद के चलते व्यापार और परिवहन सेवाओं पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है. कई जगहों पर दुकानें और बाजार बंद रहेंगे. सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासन सतर्क

पंजाब पुलिस और प्रशासन ने बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की है. संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

सामाजिक संगठनों का बढ़ता समर्थन

इस बंद को कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है. ये संगठन एकजुट होकर न्याय और सम्मान की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज को तोड़ने का प्रयास करती हैं, जिन्हें वे कामयाब नहीं होने देंगे.

सोशल मीडिया पर छाया विरोध

सोशल मीडिया पर भी इस घटना के खिलाफ लोगों का गुस्सा साफ नजर आ रहा है. ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर हैशटैग #JusticeForAmbedkar ट्रेंड कर रहा है. लोग इस माध्यम से अपनी बात रख रहे हैं और एकजुटता दिखा रहे हैं.

आम जनता की प्रतिक्रियाए

लोगों का कहना है कि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यह घटना समाज के लिए शर्मनाक है और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.

सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल

इस घटना ने सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हैं. उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने और सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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