School Time Change: पंजाब में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है. सुबह की ज़ीरो विजिबिलिटी के कारण वाहन धीमी स्पीड से चल रहे हैं. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनज़र शिक्षा विभाग स्कूलों के समय में बदलाव करने की योजना बना रहा है.
घने कोहरे और बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 4 जनवरी से बारिश (dense fog and rainfall warning in Punjab) की चेतावनी दी है. वेस्ट्रन डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने के कारण पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और होशियारपुर में हल्की बारिश होने की संभावना है. 5 और 6 जनवरी को भी पंजाब के अन्य हिस्सों में बारिश के आसार हैं.
बढ़ती ठंड और स्कूलों की छुट्टियां
बढ़ती ठंड (extended winter vacations in Punjab schools) को देखते हुए पंजाब सरकार ने पहले 24 से 31 दिसंबर तक स्कूलों में छुट्टियां घोषित की थीं जिन्हें बाद में 7 जनवरी तक बढ़ा दिया गया. बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया.
ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था
परीक्षाओं के मद्देनज़र कई प्राइवेट स्कूलों (online classes in Punjab schools during winter) ने ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की है. इससे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और वे घर बैठे ही अपनी तैयारी कर सकेंगे.
ठंड का असर और बच्चों की सुरक्षा
घने कोहरे और ठंड (impact of cold wave on students’ safety) के कारण बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है. शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के समय में बदलाव कर सुबह की शिफ्ट को दिन के समय में बदला जा सकता है, ताकि बच्चे सुरक्षित स्कूल पहुंच सकें.
पंजाब में बढ़ता ठंड का कहर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार (rising cold wave impact in Punjab), ठंड का प्रकोप अभी और बढ़ सकता है. घने कोहरे के चलते सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम हो रही है. ऐसी स्थिति में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अभिभावकों को भी सावधान रहना चाहिए.
प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में योजनाएं
सरकारी स्कूलों के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों (private and government schools’ measures for winter) ने भी ठंड से निपटने के लिए योजनाएं बनाई हैं. ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ स्कूल प्रशासन बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं.
ठंड से बचाव के उपाय
ठंड से बचने (measures to combat cold wave) के लिए बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर भेजें. सुबह जल्दी स्कूल जाने के बजाय समय में बदलाव का इंतजार करें. स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को मिलकर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.