School Holiday: उज्जैन में श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही धार्मिक आयोजनों की रौनक तेज हो गई है. इस बार 11 जुलाई 2025 से पवित्र सावन मास की शुरुआत हो रही है और इसी के साथ उज्जैन प्रशासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए सावन के हर सोमवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है.
यह आदेश सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों पर लागू होगा. खास बात यह है कि इन अवकाश की भरपाई रविवार को स्कूल संचालित करके की जाएगी.
स्कूलों के अवकाश और संचालन की नई तिथियां
जिला कलेक्टर रौशन कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 14 जुलाई से 11 अगस्त तक हर सोमवार स्कूल बंद रहेंगे. इसके बदले में स्कूल हर रविवार को खोले जाएंगे, ताकि शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित न हों.
सोमवार को बंदी रविवार को स्कूल खुलेंगे
सोमवार को बंदी | रविवार को स्कूल खुलेंगे |
---|---|
14 जुलाई | 13 जुलाई |
21 जुलाई | 20 जुलाई |
28 जुलाई | 27 जुलाई |
4 अगस्त | 3 अगस्त |
11 अगस्त | 10 अगस्त |
इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यह बदलाव केवल उज्जैन नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले स्कूलों पर लागू होगा.
महाकालेश्वर की सवारी बना वजह
सावन के महीने में उज्जैन का धार्मिक महत्व चरम पर होता है. यहां भगवान महाकालेश्वर की सवारी और धार्मिक अनुष्ठान पूरे महीने भर चलते हैं. हर सोमवार को लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पर काफी दबाव पड़ता है.
भीड़-भाड़ और ट्रैफिक को देखते हुए, स्कूलों के संचालन में बाधा आने की संभावना रहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए यह फैसला लिया है.
बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता
- प्रशासन का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह छात्रों की सुरक्षा और सुचारू व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
- भीड़ और धर्मस्थलों की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक जाम, आवाजाही में बाधा और अप्रत्याशित स्थिति से बचाव के लिए सोमवार को स्कूलों को बंद रखना आवश्यक हो गया था.
अवकाश का शिक्षण पर नहीं पड़ेगा असर
- कलेक्टर के निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस अवकाश से शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, इसलिए रविवार को स्कूल खोलने का फैसला किया गया है.
- इससे स्कूल प्रबंधन को भी राहत मिलेगी और छात्रों का शैक्षणिक नुकसान भी नहीं होगा.
- अध्यापक और स्कूल स्टाफ को रविवार के संचालन के लिए पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
आदेश पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
- प्रशासनिक निर्णय के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है.
- कुछ नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि “महाकाल की नगरी में धर्म और संस्कृति सर्वोपरि हैं, और इस फैसले से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.”
- वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए कि धार्मिक आयोजनों के लिए स्कूलों के सामान्य टाइमटेबल में बदलाव करना सही नहीं है.
- उनका मानना है कि यह एक धार्मिक तुष्टीकरण का प्रयास है जो शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
- स्थानीय अभिभावकों और छात्रों की राय भी इस फैसले को लेकर मिश्रित रही है.
- कुछ माता-पिता ने इसे समझदारी भरा निर्णय बताया, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि रविवार को बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल होगा, क्योंकि वह पारंपरिक अवकाश का दिन है.
- हालांकि अधिकतर लोग मानते हैं कि अगर इससे बच्चों की सुरक्षा और शहर की व्यवस्था बेहतर होती है, तो यह बदलाव समय के अनुसार सही है.
उज्जैन में सावन का महत्व
- उज्जैन को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के कारण सावन में विशेष धार्मिक मान्यता प्राप्त है.
- सावन के हर सोमवार को महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
- इस धार्मिक पर्व के दौरान उज्जैन में सुरक्षा, सफाई और व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष प्रशासन सावधानीपूर्वक निर्णय लेता है.