Cow Subsidy Scheme: हरियाणा सरकार किसानों को जहर मुक्त प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित कर रही है. खेती में जोखिमों को कम करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने किसानों के लिए अनुदान योजना शुरू की है. इसके तहत 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 30,000 रुपये वार्षिक अनुदान दिया जा रहा है.
कौन से किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
इस योजना का लाभ वे किसान ले सकते हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती (natural farming benefits for farmers in Haryana) को अपनाने का निर्णय लिया है और जिनके पास 2 से 5 एकड़ तक की कृषि भूमि (landholding eligibility for Haryana subsidy scheme) है.
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी प्रक्रिया
हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (Agriculture and Farmers Welfare Department Haryana) के अनुसार, केवल वही किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे, जो ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora portal registration) पर अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं.
सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें?
- किसान को अपने नजदीकी कृषि या पशुपालन विभाग (nearest agriculture or animal husbandry office in Haryana) में जाकर आवेदन जमा करना होगा.
- आवेदन स्वीकार होने के बाद सरकार द्वारा खरीदी गई गायों की जांच (verification process for desi cow subsidy in Haryana) की जाएगी.
- वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होते ही (subsidy verification process for farmers in Haryana), सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
सब्सिडी प्रक्रिया क्यों रुकी हुई थी?
पिछले 7 महीनों से यह योजना रुकी हुई थी (subsidy delay for Haryana farmers) क्योंकि सरकार को किसानों द्वारा खरीदी गई गायों की वेरिफिकेशन करने में देरी हो रही थी. लेकिन अब वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू (Haryana desi cow subsidy verification started) हो चुकी है और किसानों के खातों में सब्सिडी की राशि जल्द ट्रांसफर कर दी जाएगी.
सब्सिडी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार के कदम
हरियाणा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना में किसी भी तरह की अनियमितता न हो. इसलिए, सीधी बैंक ट्रांसफर (direct bank transfer for Haryana farmer subsidy) प्रक्रिया को अपनाया गया है, जिससे किसानों को किसी भी बिचौलिये की जरूरत नहीं होगी.
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज (documents required for desi cow subsidy scheme in Haryana) जमा करने होंगे:
- परिवार पहचान पत्र (Family ID proof for Haryana farmer subsidy)
- बैंक पासबुक की कॉपी (Bank passbook for Haryana government subsidy)
- ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन (Meri Fasal Mera Byora registration for Haryana subsidy)
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (Registered mobile number for subsidy application)
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार का लक्ष्य
हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को प्रोत्साहन (promotion of organic farming in Haryana) देना और किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से मुक्त खेती (chemical-free farming initiative in Haryana) के प्रति जागरूक करना है. देसी गाय के उपयोग से किसान गोबर खाद और जैविक कीटनाशक (organic manure and bio-pesticides from cow dung) का निर्माण कर सकते हैं, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी.
इस योजना का किसानों को क्या फायदा होगा?
- 30 हजार रुपये की वार्षिक सब्सिडी (Haryana farmer subsidy for cow purchase) से किसान देसी गाय खरीद सकते हैं, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा.
- प्राकृतिक खेती करने से फसल की गुणवत्ता (better crop quality through natural farming) में सुधार होगा.
- किसानों को बाजार में जैविक उत्पादों की अच्छी कीमत (higher market price for organic crops) मिलेगी.
- सरकार की सीधी सब्सिडी योजना (direct bank transfer subsidy for Haryana farmers) से कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा.
कैसे करें आवेदन?
- ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora registration for farmer subsidy) पर जाकर अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करें.
- अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर देसी गाय खरीदने की योजना के लिए आवेदन (apply for Haryana desi cow subsidy scheme) करें.
- जरूरी दस्तावेजों को जमा करें और वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30,000 रुपये की राशि बैंक खाते में प्राप्त (receive subsidy amount in bank account) करें.
क्या अन्य राज्यों में भी ऐसी योजना लागू है?
हरियाणा सरकार की यह योजना देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा (government schemes for organic farming in India) देने वाली योजनाओं में से एक है. अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र (farmer subsidy schemes in Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Maharashtra) में भी इसी तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं.