Increased Allowance: उत्तर प्रदेश सरकार ने नए साल की शुरुआत पर सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सचिवालय से इतर अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों में काम करने वाले वाहन चालकों और अनुसेवकों के वर्दी भत्ते, वर्दी नवीनीकरण और वर्दी धुलाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है.
वर्दी भत्ते में कितनी हुई वृद्धि?
- वर्दी खरीदने के लिए अब 680 रुपये की जगह 1020 रुपये मिलेंगे.
- रेनकोट के लिए 500 रुपये के बजाए 750 रुपये प्रदान किए जाएंगे.
- शीतकालीन वर्दी के लिए 1310 रुपये से बढ़ाकर 1965 रुपये कर दिए गए हैं.
- जूतों के लिए 164 रुपये से बढ़ाकर 246 रुपये और छाते के लिए 96 रुपये की जगह 144 रुपये मिलेंगे.
वर्दी वितरण की अवधि
सरकार ने वर्दी वितरण की समयावधि भी तय की है:
- ग्रीष्मकालीन वर्दी हर चार साल में एक बार दी जाएगी.
- शीतकालीन वर्दी तीन साल में एक बार मिलेगी.
- महिलाओं को ग्रीष्मकालीन वर्दी हर साल दी जाएगी.
- वाहन चालकों को शीतकालीन वर्दी तीन साल में प्रदान की जाएगी.
- रेनकोट पांच साल में एक बार दिया जाएगा.
वर्दी धुलाई भत्ता में भी बढ़ोतरी
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी धुलाई भत्ते में भी राहत दी गई है.
- पहले 40 रुपये दिए जाते थे, अब यह 60 रुपये कर दिए गए हैं.
- वाहन चालकों को 60 रुपये के स्थान पर अब 90 रुपये मिलेंगे.
किसे मिलेगा वर्दी भत्ता?
यह वर्दी भत्ता केवल उन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलेगा जो:
- मौलिक रूप से नियुक्त हैं.
- पांच साल की सेवा पूरी कर चुके हैं.
- जमादार, अर्दली, दफ्तरी, पत्र वाहक, कार्यालय चपरासी और राजकीय वाहन चालक के पद पर हैं.
साफा पाने के लिए शर्तें
साफा केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो पहले से इसे प्राप्त करते रहे हैं. इसके अलावा, विभागाध्यक्ष और मंडल स्तर पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्यात्मक परीक्षण कराया जाएगा.
वर्दी पहनने के नियम
एमएसएमई विभाग के सचिव प्रांजल यादव ने निर्देश दिया है कि जो कर्मचारी ड्यूटी पर वर्दी पहनकर नहीं आते उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
कर्मचारियों में खुशी का माहौल
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के बीच खुशी का माहौल है. वर्दी भत्ते में वृद्धि और नई योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाएं कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक होंगी.
अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है. सरकारी कर्मचारियों की सुविधा और सम्मान के लिए ऐसी योजनाएं (government employee benefits schemes) लागू करना बाकी राज्यों को भी प्रोत्साहित करेगा.