Third Party Insurance: जल्द ही बिना थर्ड-पार्टी बीमा वाले वाहनों को ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल और सीएनजी भरवाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही ऐसे वाहन मालिकों का ड्राइविंग लाइसेंस रिन्युअल भी नहीं किया जाएगा। यह कदम वित्त मंत्रालय द्वारा थर्ड-पार्टी बीमा को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है।
सरकार जल्द करेगी नियमों में बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है और जल्द ही नियमों में बदलाव किया जाएगा। इस नए प्रावधान के तहत वाहन संबंधी सेवाओं को बीमा कवर से जोड़ा जाएगा (vehicle services linked with insurance policy)।
बिना बीमा वाले वाहनों को नहीं मिलेगा फास्टैग और पेट्रोल
नए नियमों के तहत केवल वैध बीमा वाले वाहनों (vehicles with valid insurance only) को फास्टैग (FASTag issuance restriction) और ईंधन मिलेगा। सरकार इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकारों और पेट्रोल पंप ऑपरेटरों (state governments and fuel station operators) को सख्त निर्देश दे सकती है।
क्यों जरूरी है थर्ड पार्टी बीमा?
मोटर वाहन अधिनियम-1988 (Motor Vehicle Act 1988) के तहत, सभी वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य (mandatory third-party insurance for vehicles) है। यह बीमा दुर्घटना की स्थिति में तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई (financial protection for third-party accident victims) के लिए होता है।
भारत में आधे वाहन बिना बीमा के
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways data) के अनुसार, 2022-23 में भारत में लगभग 34 करोड़ पंजीकृत वाहन (34 crore registered vehicles in India) थे, लेकिन इनमें से केवल 43-50% के पास ही वैध थर्ड-पार्टी बीमा (only 43-50% vehicles insured) था।
2024 में संसद समिति ने की थी सिफारिश
संसद की एक समिति ने बिना बीमा चल रहे वाहनों पर सख्त कार्रवाई (strict action against uninsured vehicles) करने की सिफारिश की थी। मार्च 2020 तक लगभग 6 करोड़ वाहन बिना बीमा (6 crore uninsured vehicles in India) के पाए गए थे।
बिना बीमा पकड़े जाने पर कितना लगेगा जुर्माना?
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act penalties) के तहत, बिना बीमा वाहन चलाने पर:
- पहली बार पकड़े जाने पर ₹2,000 जुर्माना (₹2,000 fine for first offense) या तीन महीने की जेल (three-month imprisonment for uninsured driving) या दोनों हो सकते हैं।
- दूसरी बार अपराध करने पर जुर्माना ₹4,000 तक बढ़ सकता है (₹4,000 fine for repeat offense)।
नए नियम लागू होने से क्या होंगे फायदे?
- दुर्घटनाओं से जुड़े मुआवजे की प्रक्रिया तेज होगी (faster compensation process for accident victims)।
- बिना बीमा वाहनों की संख्या कम होगी (reduction in uninsured vehicles on roads)।
- सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा (enhanced road safety in India)।
- बीमा कंपनियों को अधिक ग्राहकों से लाभ मिलेगा (increased business for insurance companies)।
क्या वाहन मालिकों को होंगे कोई नुकसान?
हालांकि यह कदम सड़क सुरक्षा और बीमा कवरेज बढ़ाने (improving road safety and insurance coverage) के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे:
- वाहन मालिकों पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है (increased financial burden on vehicle owners)।
- बिना बीमा चलने वाले लोगों के लिए ट्रैफिक पुलिस का सख्त रवैया होगा (strict traffic enforcement against uninsured drivers)।