75 जिलों के ई-रिक्शा चालकों को लेकर बड़ा ऐलान, अब नही कर पाएंगे ये काम E-Rickshaw

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E-Rickshaw: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 23-25 हजार लोगों की मौत होती है, जो राज्य और देश के लिए बड़ी क्षति है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों (road safety rules in Uttar Pradesh) का सख्ती से पालन जरूरी है.

जनपद स्तर पर नियमित सड़क सुरक्षा बैठकें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में मासिक सड़क सुरक्षा बैठकें आयोजित की जाएं. इसमें पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी अधिकारी और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें. इन बैठकों में दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाकर समाधान की कार्ययोजना बनाई जाए.

महाकुंभ के लिए विशेष यातायात व्यवस्था

महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए पीआरडी और होमगार्ड्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. साथ ही विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार कर यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने को कहा.

ई-रिक्शा संचालन पर सख्ती

ई-रिक्शा संचालन में नाबालिगों की भागीदारी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी ई-रिक्शा का पंजीकरण (E-Rickshaw Registration Process) अनिवार्य रूप से हो और ओवरलोडिंग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.

हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य पालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम (road safety awareness program) के माध्यम से लोगों को हेलमेट, सीट बेल्ट और अन्य यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए. सड़क पर ओवरलोड वाहनों को स्टार्टिंग पॉइंट पर ही रोका जाए. ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो.

स्कूली बच्चों के लिए विशेष पहल

सड़क सुरक्षा को बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब और रोड सेफ्टी पार्क स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने यातायात नियमों पर आधारित नाटक, निबंध प्रतियोगिता और संगोष्ठी जैसे कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया.

बसों की फिटनेस और ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच

परिवहन निगम की बसों के फिटनेस और ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच (Health Checkup for Bus Drivers) अनिवार्य रूप से कराने का आदेश दिया गया. गैर अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर उन्हें निर्धारित रूट प्रदान करने की योजना बनाई गई है.

अवैध स्टैंड और ध्वनि प्रदूषण पर रोक

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर नगर निकाय में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित किया जाए. सड़कों पर अवैध स्टैंड और बाइकों के मोडिफाई साइलेंसर व हॉर्न पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए.

गोल्डन आवर में मदद की अपील

दुर्घटनाओं के दौरान गोल्डन आवर (Golden Hour Assistance in Accidents) की अहमियत बताते हुए मुख्यमंत्री ने राहगीरों से घायलों को समीप के अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाने की अपील की. उन्होंने एंबुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को न्यूनतम रखने पर भी जोर दिया.

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. इसे पूरे प्रदेश में लागू करना होगा. हर तीसरे महीने शासन स्तर पर प्रगति की समीक्षा की जाएगी और सड़क दुर्घटनाओं के संभावित स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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