Vehicle Scrappage Policy: परिवहन मंत्रालय ने बहुत अधिक प्रदूषण फैलाने वाले बीएस-2 और उससे पहले के उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों को हटाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर नए वाहन की खरीद पर मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 50% करने का प्रस्ताव दिया है. इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और नई, पर्यावरण-अनुकूल गाड़ियों को प्रोत्साहन देना है.
क्या है वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी?
वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी सरकार की एक पहल है, जिसके तहत आम लोगों को अपनी पुरानी और अनफिट गाड़ियों को कबाड़ करने का विकल्प दिया जाता है. यह पॉलिसी न केवल निजी बल्कि वाणिज्यिक वाहन मालिकों के लिए भी है. इसके तहत, वाहन मालिक अपनी पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में देकर नए वाहन की खरीद पर मोटर वाहन कर में छूट पा सकते हैं.
पुरानी गाड़ियों के लिए निर्धारित नियम
इस पॉलिसी के तहत, 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियां और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियां स्क्रैपिंग के लिए पात्र मानी जाती हैं. इन गाड़ियों को कबाड़ करने पर वाहन मालिक नई गाड़ी खरीदते समय मोटी रकम की बचत कर सकते हैं. इससे न केवल उनकी जेब पर कम बोझ पड़ेगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा.
छूट की राशि को 50% तक बढ़ाने की मांग
परिवहन मंत्रालय ने 24 जनवरी को एक मसौदा अधिसूचना जारी की है, जिसमें पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर छूट की सीमा बढ़ाने की बात कही गई है. फिलहाल, निजी वाहनों पर 25% और वाणिज्यिक वाहनों पर 15% छूट दी जाती है. लेकिन इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद, यह छूट 50% तक हो जाएगी. यह छूट बीएस-1 और बीएस-2 मानक के तहत आने वाले सभी वाहनों पर लागू होगी.
कैसे मिलेगा वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी का लाभ?
- पुराने वाहन को स्क्रैप करें
वाहन मालिकों को अपनी पुरानी गाड़ियों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्क्रैपिंग सेंटर पर ले जाना होगा. - स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करें
स्क्रैपिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद वाहन मालिक को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जो नए वाहन पर छूट के लिए अनिवार्य है. - नया वाहन खरीदें
स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का उपयोग करके वाहन मालिक नए वाहन पर मोटर वाहन कर में छूट पा सकते हैं.
पर्यावरण के लिए बड़ा कदम
यह पॉलिसी न केवल वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है. पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब होती है. ऐसे वाहनों को सड़क से हटाने से वायु प्रदूषण में कमी आएगी और देश की परिवहन प्रणाली अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनेगी.
बीएस-2 और उससे पहले के वाहनों को हटाने की जरूरत
बीएस-2 और इससे पहले के मानकों वाले वाहन तकनीकी रूप से पुराने हैं और इनमें उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली कम प्रभावी होती है. इन वाहनों को हटाने से प्रदूषण में बड़ी कमी लाई जा सकती है. इसके साथ ही, नई गाड़ियां अधिक ईंधन कुशल होती हैं और कम कार्बन उत्सर्जन करती हैं.
पॉलिसी से जुड़े फायदे
- आर्थिक बचत: पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर वाहन मालिक नई गाड़ी खरीदते समय मोटर वाहन कर में बड़ी छूट पा सकते हैं.
- सुरक्षा में सुधार: नई गाड़ियों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाएं होती हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आती है.
- प्रदूषण में कमी: पुराने वाहनों को हटाने से वायु प्रदूषण में कमी आएगी.
- वाहन उद्योग को प्रोत्साहन: नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी, जिससे ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
पॉलिसी से जुड़े चुनौतियां और समाधान
हालांकि इस पॉलिसी के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं. कई लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को भावनात्मक रूप से जोड़कर रखते हैं और उन्हें स्क्रैप करने में संकोच करते हैं. सरकार को इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने और स्क्रैपिंग प्रक्रिया को और सरल बनाने की जरूरत है.