SCHOOL WINTER HOLIDAYS: शिक्षा विभाग ने तेज सर्दी को देखते हुए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया. हालांकि कई निजी स्कूल एक्स्ट्रा क्लास और एक्टिविटी क्लास के नाम पर छात्रों को स्कूल बुला रहे हैं. इससे छात्रों और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
संयुक्त अभिभावक संघ ने उठाई आवाज
संयुक्त अभिभावक संघ ने कई निजी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी करने की शिकायत दर्ज कराई. प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि निजी स्कूल शिक्षा मंत्री के आदेशों को न मानकर छात्रों को ठंड में स्कूल आने पर मजबूर कर रहे हैं.
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का सख्त रुख
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कि आदेशों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
ब्लॉक स्तर पर हो रही निगरानी
जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश नारायण मीणा ने बताया कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भी इस आदेश के पालन की जिम्मेदारी दी गई है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी स्कूल नियमों का उल्लंघन न करे.
शिक्षा विभाग के आदेश और शिविरा पंचांग
शिक्षा विभाग ने शिविरा पंचांग के अनुसार 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की थी. अधिकतर स्कूलों ने इस आदेश को लागू किया. लेकिन कुछ निजी स्कूल अब भी मनमानी कर रहे हैं.
निजी स्कूलों की मनमानी पर बढ़ती शिकायतें
कई निजी स्कूल छात्रों को तेज सर्दी में स्कूल बुला रहे हैं. इन स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. इस मामले में शिक्षा विभाग को ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
छात्रों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
तेज सर्दी के बावजूद छात्रों को स्कूल बुलाने से उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. अभिभावक और शिक्षा विभाग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ठंड में बच्चों को बाहर जाना उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
आदेशों की अनदेखी पर होगी कड़ी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि जो भी निजी स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी इन स्कूलों पर नजर रखेंगे और उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई होगी.
अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद
शिक्षा विभाग के इस सख्त कदम से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. अब निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी और आदेशों का पालन करना होगा.